नशे की समस्या समाज के लिए चुनौती, इसे समाप्त करने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा-कलेक्टर
कलेक्टर ने ’नशा मुक्त भारत अभियान’ को जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की ली बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश
शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर की परिधि में नशा समाग्री की बिक्री करने वाले संचालक पर कार्रवाही करने के दिए निर्देश
कवर्धा। 11 सितम्बर 2024। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में नशा मुक्त भारत अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में बैठक ली। बैठक में जिले की नशा मुक्ति से संबंधित कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें विभिन्न विभागों के लिए निर्धारित दायित्वों और कार्यों के संबंध में जानकारी दी गई। साथ ही ’नशा मुक्त भारत अभियान’ को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई। कलेक्टर महोबे ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे मिलकर अभियान को सफल बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने इसके अंतर्गत स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने नशे की समस्या को समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बताते हुए कहा कि इसे समाप्त करने के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने कहा कि नशा समाज को भीतर से कमजोर कर रहा है और इससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। इसे रोकने के लिए ’नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत सभी विभागों को समन्वित प्रयास करने होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जागरूकता अभियान को गांव-गांव और स्कूलों तक पहुँचाएं, ताकि नशे के दुष्प्रभावों के प्रति हर वर्ग को जागरूक किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस अभियान में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी जरूरी है, और इसके लिए समाजसेवी संगठनों, पुलिस, और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा। कलेक्टर महाबे ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान’’ भारत सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा नशामुक्त के पक्ष में सकारात्मक वातावरण विकसित करने तथा राष्ट्र को नशामुक्त बनाने के लिए नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमाण्ड रिडक्शन क्रियान्वयन किया जा रहा है। यह समाज को नशामुक्त करने की महत्वाकांक्षी योजना है।
कलेक्टर महोबे ने जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित समस्त शासकीय कार्यालयो एवं शैक्षणिक संस्थाओं में कोटपा अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए कार्यालय या शैक्षणिक संस्थाओ में 100 मीटर की दूरी में व्यसन पान-मादक द्रव्य पदार्थ की बिक्री पर रोक लगाने के लिए संकेतकों का प्रयोग करने के निर्देश दिए एवं उल्लघंन की स्थिति में संबंधित व्यक्ति पर दण्डात्मक कार्यवाही करने कहा। उन्होंने जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में अवैध रूप से स्थापित शराब, गुटखा, तम्बाकू एवं अन्य नशापान से संबंधित वस्तुओं के विक्रय कार्य में संलग्न व्यक्तियों एवं संस्थाओ का चिन्हांकन करने तथा उनके उपर नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। प्रतिबंधित दवाओं के विक्रय को रोकने के जिला स्तर पर सख्त कार्यवाही करने निर्देशित किया।
कलेक्टर ने जिले के ग्रामीण एवं नगरीय निकाय क्षेत्रों में विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा), अन्य समुदायों में जो प्रायः प्रथा, परम्परा या अन्य कारणों से नशापान को सामाजिक स्तर पर वैधता प्रदान करते है उनमें नशा के दुष्प्रभावो के संबंध में जागरूक करें एवं नशापान के दुष्परिणामों से बचने के उपायें को समझाएं। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित उद्यानों में प्रतिदिन योगाभ्यास के कार्यक्रम निष्पादित कराएं। जिला स्तर पर विशेष कर नगरीय निकायों में ऐसे जगहों को चिन्हांकन कर जहां पर युवाओं की भीड़ प्रायः एकत्रित होती है ऐसे स्थानों पर नगरीय निकाय के स्थापित होर्डिंग्स प्लेस में प्रचार-प्रसार कें लिए होर्डिग्स एवं अन्य प्रचार सामाग्री, होर्डिंग्स लगाकर प्रचार सामाग्री जैसे-पाम्पलेट, ब्रोसर का वितरण करें। इसके अलावा भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार समाज कल्याण विभाग के माध्यम से करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि जिला स्तर पर नशामुक्त भारत के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जन मानस में प्रचार-प्रसार सह-जन जागरुकता लाने के लिए जिले में विशेष कर शहरी क्षेत्र में प्रातः कालीन जुम्बा, मैराथान, प्रभात फेरी का आयोजन किया जाएगा। कलेक्टर ने जिला पुलिस बल एवं समाज कल्याण विभाग को समय-समय पर शिक्षा विभाग से समन्वय कर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित शालाओं में नशापान के दुष्प्रभाव एवं सामाजिक बुराईयों के संबंध में बच्चों से परिचर्चा संबंधी कार्य करने के निर्देश दिए।