लोहारीडीह की घटना मानवता को शर्मसार करती है…. राजा खड़गराज सिंह
कवर्धा/सहसपुर लोहारा – सहसपुर लोहारा राजपरिवार के सदस्य राजा खड़गराज सिंह ने लोहारीडीह घटना को बहुत ही विभत्स, अमानवीय, दर्दनाक और शर्मनाक बताया अगर पुलिस प्रशासन समय पर ध्यान देती और यहां की घटना को गंभीरता से लेती तों ये इतनी बड़ी घटना घटित ही नहीं होती। जिससे ये जिले के ऊपर लगा कलंक कभी लगता ही नहीं। लोहारीडीह घटना पर बयान जारी करते हुए सहसपुर लोहारा राजपरिवार के सदस्य एवं आम आदमी पार्टी द्वारा गठित राज्य स्तरीय लोहारीडीह घटना के जांच समिति के सदस्य राजा खड़ग राज सिंह ने कहाँ की वो बहुत जल्द लोहारीडीह जायेगे और लोगो से मिलकर वहां की वास्तविक स्थिति को देखेंगे और पीड़ित एवं दुखी परिजनों से मिलकर अपनी संवेदना प्रकट करेंगे। उन्होंने आगे कहाँ की इस घटना की जितनी जानकारी हमें प्राप्त है उससे स्पष्ट है की यहां पुलिस प्रशासन पूरी तरह फैल हो गया था। जिसकी खीझ मिटाने पुलिस ने जिस प्रकार से अमानवीयता के साथ बच्चो, महिलाओ, युवाओं, बुजुर्गो को घर से निकाल कर रास्ते में घसीट कर बेरहमी से मारते पीटते उन्हें गिरफ्तार किया गया वैसा अपमान शायद ही देखने को मिले और यही कारण है की बेरहमी से पिटाई की वजह से 27 वर्षीय युवा की जेल में मृत्यु हो गई। राजा खड़ग राज सिंह ने बताया की इस पूरी घटना से कई सवाल खडे हुए है। जैसे कचरु साहू की संदेहास्पद स्थिति में लाश का मिलना, रघुनाथ साहू के घर में पुलिस सुरक्षा में या पुलिस की उपस्थिति में आग का लगना और रघुनाथ की आग में जलकर मौत हो जाना, ऐसी कौन से कारण थे जिसमें पुलिस ने महिलाओ, बच्चो, बुजुर्गो, युवाओं को घर से घसीट कर बेरहमी से मारते हुए गिरफ्तार करना पड़ा, 140 लोगो को आरोपी बनाया गया जिनमें 69 लोगो को गिरफ्तार किया गया जिन्हें थाने में ले जाकर बहुत बेरहमी से अमानवीयता की हद को पार करते हुए मारा गया ऐसी कौन सी ताकत थीं जो पुलिस को ये सब करने के लिए प्रोत्साहित कर रही थीं, इन ग्रामीणों पर ऐसा कौन सा गुस्सा निकाला जा रहा था जिससे उन्हें न्यायालय से पहले ही सजा दें रही थीं, प्रशांत साहू की गंभीर स्थिति को देखते हुए भी पर्याप्त मेडिकल सुविधा क्यों नहीं दिलाई गई गंभीर रूप से घायल कैदी को आखिर जेल दाखिल कैसे कराया गया। ऐसे कई प्रश्न है जो संदेह को जन्म देते है। जिसकी जांच हाईकोर्ट के जज के माध्यम से कराई जाय, जेल में बंद समस्त आयोपियों का पुनः मेडिकल जांच की जाय और उनका बयान लिया जाय, परिवार को उचित मुआवजा देते हुए उन्हें न्याय दिया जाय। साथ ही इस पूरी घटना से पुरे राज्य को और मानवता को कलंकित करने वाले दोषियों को जो चाहे कितने भी बड़े पद में हो उन्हें कड़ी सजा मिले ताकि हमारे शांति के टापू इस राज्य में दोबारा ऐसी घटना घटित ना हो सके ।