कवर्धाछत्तीसगढ़

तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर 100 कुंडीय महायज्ञ

तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर 100 कुंडीय महायज्ञ

आध्यात्मिक उत्थान और लोककल्याण का महापर्व

कवर्धा/ आगामी 13 जनवरी 2025 से 12 फरवरी 2025 तक तीर्थराज प्रयागराज में अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ, स्वामी करपात्री जी फाउंडेशन एवं वैदिक कायाकल्प संस्थान के तत्वावधान में ऐतिहासिक 100 कुंडीय द्वादश पुरुषचरनात्मक होमआत्मक श्री गायत्री स्मारत महायज्ञ, श्री राजराजेश्वरी महायज्ञ कोटी अर्चन, अष्टादश पुराण पारायण महायज्ञ और चतुर्वेद पारायण महायज्ञ सहित कई दिव्य अनुष्ठानों का भव्य आयोजन किया जाएगा।

इसके साथ ही 14 जनवरी 2025 से 12 फरवरी 2025 तक माघी कथा और श्रीमद् भागवत कथा का भी आयोजन होगा। इस महायज्ञ का उद्देश्य कुंडली दोषों से मुक्ति, नकारात्मकता का नाश, शारीरिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक उन्नति और चारित्रिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

विशिष्ट स्थान – कोटेश्वर महादेव, प्रयागराज

महायज्ञ का आयोजन कोटेश्वर महादेव, प्रयागराज की पावन भूमि पर होगा। यह वही स्थान है, जहां भगवान श्रीराम ने रावण वध के पश्चात ब्रह्महत्या दोष से मुक्ति के लिए कोटेश्वर महादेव शिवलिंग की स्थापना कर पूजन किया था।

यह आयोजन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि लोककल्याण और आध्यात्मिक उत्थान का महापर्व है। ऐसा माना जाता है कि प्रयागराज में किया गया यज्ञ और उसमें दी गई एक आहुति हजारों यज्ञों के समान पुण्य प्रदान करती है।

महायज्ञ में ऑनलाइन सहभागिता का सुनहरा अवसर

इस महायज्ञ में 1.25 करोड़ श्रद्धालुओं का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इच्छुक श्रद्धालु www.VedicKayakalp.org वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण रूप से निःशुल्क है। प्रत्येक सदस्य को एक पंजीकरण क्रमांक प्रदान किया जाएगा, जिसके आधार पर यज्ञ में क्रमवार आहुति दी जाएगी

यज्ञ का उद्देश्य, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान

इस महायज्ञ का उद्देश्य केवल धार्मिक क्रियाकलापों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार, कुंडली दोषों का निवारण, आध्यात्मिक उन्नति, स्वास्थ्य संरक्षण और लोककल्याण को बढ़ावा देना है।

वेदों में यज्ञ को सभी इच्छाओं की पूर्ति का सर्वोत्तम साधन माना गया है। महाकुंभ, जो 144 वर्षों में एक बार आता है, इस अवसर को और अधिक दिव्य और अलौकिक बनाता है।

Nohar Das Manikpuri

Founder/Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button