लोहारीडीह घटना में फिर बवाल, पुलिस कस्टडी में प्रशांत साहू की मौत पर भारी बवाल
कवर्धा | लोहारीडीह में एक और विवाद खड़ा हो गया है। पुलिस कस्टडी में रहे प्रशांत साहू की संदिग्ध मौत के बाद से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। बुधवार को प्रशांत साहू के शव को पोस्टमार्टम के लिए कवर्धा जिला अस्पताल लाया गया, जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है और प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
प्रशांत साहू की मौत से बढ़ा तनाव
प्रशांत साहू को पुलिस ने लोहारीडीह आगजनी और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। उसकी मौत पुलिस कस्टडी में हो गई, जिसे लेकर ग्रामीणों और परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक के भाई परमेश्वर साहू ने बताया कि प्रशांत को कोई बीमारी नहीं थी, खासकर मिर्गी जैसी कोई समस्या नहीं थी, जैसा कि पुलिस दावा कर रही है। उनका आरोप है कि पुलिस की बर्बरता के कारण प्रशांत की मौत हुई है।
परमेश्वर ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे भी रेंगाखार थाने में बंद रखा था और उसके भाई की मौत की खबर मिलने के बाद ही उसे छोड़ा गया। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस ने ग्राम के कई निर्दोष लोगों को उनके घरों से जबरन उठाया और उनके साथ भी मारपीट की जा रही है। इस घटना के बाद से पूरे ग्राम में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है।
कांग्रेस ने उठाई न्यायिक जांच की मांग
प्रशांत साहू की मौत के बाद कांग्रेस पार्टी ने मामले में हस्तक्षेप किया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया और शव को कवर्धा से बाहर पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से रोक दिया। उनका कहना है कि पोस्टमार्टम कवर्धा में ही होना चाहिए और एक विशेष डॉक्टरों की टीम द्वारा इसकी जांच की जानी चाहिए।
कांग्रेस का आरोप है कि प्रशांत की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस ने राज्य सरकार से पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी घटना की पुनः जांच की मांग की थी और अब कांग्रेस ने इसे सड़क से सदन तक लड़ने की बात कही है।
विधायक दिलेश्वर साहू ने साधा निशाना
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक दिलेश्वर साहू ने राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हिटलरशाही बढ़ रही है और अपराध का गढ़ बनता जा रहा है। उन्होंने गृह मंत्री और स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी नाक के नीचे ऐसी घटनाएं हो रही हैं और कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने कांग्रेस की ओर से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की कसम खाई और कहा कि पार्टी सड़क से लेकर सदन तक इस मुद्दे को उठाएगी।
ग्रामीणों में डर और तनाव का माहौल
लोहारीडीह के ग्रामीणों के बीच इस घटना के बाद से गहरा भय बना हुआ है। गांव के अधिकांश लोग घटना के बाद से अपने घरों में बंद हैं या गाँव छोड़ चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की कार्रवाइयों से उनका विश्वास उठ गया है और अब वे न्याय की मांग कर रहे हैं। घटना के बाद से ग्राम में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, और प्रशासन द्वारा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
प्रशांत साहू की मौत पर सवाल
इससे पहले जो घटनाक्रम हुआ था, उसमें लोहारीडीह के शिव प्रसाद साहू का शव फांसी से लटकते हुए मिला था। पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या का केस बताया था, लेकिन मृतक के परिवार ने इसे हत्या करार दिया था। अब प्रशांत साहू की मौत ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। कांग्रेस का कहना है कि शव का पोस्टमार्टम कवर्धा में ही किया जाना चाहिए, जबकि प्रशासन इसे बाहर भेजने की कोशिश कर रहा था।
स्थिति अब भी तनावपूर्ण
घटना के बाद से ग्राम में तनाव की स्थिति बनी हुई है और पुलिस व प्रशासन ने हालात पर नियंत्रण पाने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात कर दिया है। वहीं, कांग्रेस के कार्यकर्ता और ग्रामीण मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।