कवर्धा। 09 सितंबर 2024। विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कवर्धा द्वारा विधिक साक्षरता अभियान चलाया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सत्यभामा अजय दुबे के मार्गदर्शन एवं निर्देश पर चलाए गए इस अभियान में 1450 से ज्यादा लोग लाभान्वित हुए। अभियान में जिले में विधिक जागरूकता सह साक्षरता शिविरों के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया। साथ ही जिला प्राधिकरण अंतर्गत चल रहे विधिक सेवा योजनाओं की जानकारी भी दी गई।
विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर जिले में हुए अलग-अलग विधिक साक्षरता शिविरों में लोगों को बताया गया कि शिक्षा समाज में जागरूकता लाता है और हमें शोषण से बचाता है। इसकी स्थापना के पीछे का उद्देश्य लोगों की गरिमा और मानवाधिकारों के मामले के रूप में साक्षरता के महत्व को उज़ागर करना था। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और अधिक न्यायसंगत समाज बनाने में महत्वपूर्ण कारक के रूप में वैश्विक साक्षरता को बढ़ावा देना भी है। साक्षरता शिविरों में मुख्य रूप से पालकों को बताया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बालकों से दुकान एवं कारखानों में श्रम करवाना अपराध की श्रेणी में आता है। आरटीई अर्थात शिक्षा का अधिकार अंतर्गत समस्त बच्चों को शिक्षित किये जाने के लिए शासन द्वारा बड़े निजि स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए भी निःशुल्क शिक्षा के लिए सीट आरक्षित किए है जिनमें दाखिला दिलाकर उन्हें शिक्षित कर सकते हैं। महिलाओं के अधिकार, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005, लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, मोटरयान अधिनियम, यातायात नियम आदि विभिन्न आधारभूत कानून की जानकारी साक्षरता शिविरों में प्रदान की गई। विश्व साक्षरता दिवस पर ग्राम मनमणा, लडुवा, नवागांव, सरौधी, कुण्डा, ग्राम रेंगाखारकला कन्या आदिवासी छात्रावास सरस्वती शिशु मंदिर, आदिवासी बालक छात्रावास कवर्धा, पोस्ट मैट्रिक अनुसचित जाति छात्रावास कवर्धा, बोड़ला आदिवासी छात्रावास, विधिक साक्षरता शिविर आयोजन करने वाले पैरालीगल वालिन्टियर प्रभा गहरवार, अनुसूईया जायसवाल, सालिक राम बांधवे, मनोज यादव, किसन साहू, दुलारू राम साहू, दीनदयाल कौशिक, चित्रा चौरै, चन्द्रकांत यादव, मानसराम पटेल विजय नामदेव, विजय सिंह ठाकुर, सहित अन्य उपस्थित थे।